मोदी सरकार देश की सबसे मजबूत सरकार है जो ठोस फैसले लेती है और उचित समय पर लेती है। उकसावे में सिर्फ फेसबुक पर कमेंटबाजी होती है, ठोस काम ठंडे दिमाग से होता है। वैसे जिन लोगों को भाजपा कमजोर लग रही है तो मजबूत तो मनमोहन सरकार होगी जिनके कार्यकाल में आए दिन बम विस्फ़ोट होते थे और PM सिर्फ कड़ी निंदा करते थे!
शाहीनबाग में चल रहे ड्रामे के खिलाफ दिल्ली पुलिस के सामने कितने लोग प्रदर्शन करने पहुंचे? दिल्ली में पटाखों पर बैन लगवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले शाहीनबाग पर सुप्रीम कोर्ट छोड़िए हाई कोर्ट तक नहीं पहुंचे!
वैसे सरकार JNU और शाहीनबाग को भी सुधार देगी। ज्यादा से ज्यादा वो लोग पुलिस पर पथराव करेंगे, रेल के डिब्बों को आग लगाएंगे, बसें जलाएंगे जैसे CAA के समय किया था! कम से कम हम लोगों को आगजनी और पथराव वाले वीडियोज मिल जाएंगे, 2-4 फेसबुक पोस्ट्स लिखने का मेटर मिल जाएगा। हमको थोड़े ज्यादा लाइक्स मिल जाएंगे
CAA में हिंसा और आगजनी देख “इस एक्ट में हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी के साथ साथ मुसलमान भी जोड़ देते या सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यक लिख देते तो सरकार का क्या जाता?” Type बातें करने वाला, CAA पर सड़क पर उतरने से डरने वाला, संघ-भाजपा द्वारा CAA पर जनजागरण अभियान को समय की बर्बादी बताने वाला, शाहीनबाग में 15-20 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के कारण लगे जाम से परेशान होकर भी वामपंथियों के डर के मारे चुप रहने वाला वो हर शख्स JNU और शाहीनबाग के वर्तमान हालात के लिए जिम्मेदार है क्योंकि उसने मोदी को वोट देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी!
वैसे जिस भाजपा सरकार ने भारत की सेना को विदेशी दबावों को नज़र अंदाज कर पाकिस्तान में 2 बार सर्जिकल स्ट्राइक करने की इजाज़त दी, जिस सरकार ने 70 सालों से कैंसर की तरह खोखला कर रहे अनुच्छेद 370 को हटाया, जिस भाजपा ने विपक्ष के दबाव और दहशतगर्दों द्वारा हिंसा के बावजूद CAA को लागू किया, जिस भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम पुरुषों द्वारा विरोध के बावजूद 3 तलाक को हटाया मुझे नहीं लगता JNU और शाहीनबाग उस सरकार के लिए ज्यादा tough task है। उसे कमजोर कहना लोगो की वैचारिक कमजोरी है।
सरकार ये हालात सुधार देगी, सुधार चाहने वाले जरा हालात बिगाड़ने वालों की तरह ही मुखर हो बोले तो सही!

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