CM गहलोत द्वारा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां पर किये कमेंट "नया मुल्ला ज्यादा बांग देता है" पर पूनियां का पलटवार, बोले "बांग तो 'मुर्गा' देता है!"
राजनीति में वार-पलटवार और कटाक्ष लम्बे समय से चलते आ रहे है। समय के साथ राजनैतिक भाषा में गिरावट भी आई लेकिन शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्तियों से सदैव उच्च भाषाई स्तर की अपेक्षा की जाती रही है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनियां की लोकप्रियता एवं सक्रियता से परेशान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनैतिक भाषा के गिरते स्तर को ने उस समय नए Low तक पहुंचाया जब नए नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बने आमेर विधायक सतीश पूनियां को "जोर से बांग देने वाला नया मुल्ला" बताया।
गहलोत के इस "मुल्ला" रिमार्क के बाद सोशल मीडिया पर गहलोत को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। न केवल भाजपाई बल्कि आम लोग भी इस कमेंट से आहत दिखें।
राजस्थान भाजपा के मीडिया सहप्रभारी नीरज जैन ने ट्वीट करते हुए लिखा-
भाजपा नेता पंकज त्रिवेदी ने तो बकायदा मुल्ला शब्द की परिभाषा का स्क्रीनशॉट भी शेयर कर इसे एक धर्म विशेष का अपमान भी बताया-
@SatishPooniaBJP 34 साल मेहनत कर यहाँ तक आए है और आप कहते हो नए नए बने है !ByTheWay कहीं आप ये बात @SachinPilot के लिए तो नहीं कहना चाह रहे थे #गहलोतसाब ??— Neeraj Jain INDIAN (@neeraj_jain75) November 1, 2019
शायद @VaibhavGehlot80 जी तो पैदा होते ही राजनीति मे पारंगत और अनुभवी हो गए थे ??
भाजपा नेता पंकज त्रिवेदी ने तो बकायदा मुल्ला शब्द की परिभाषा का स्क्रीनशॉट भी शेयर कर इसे एक धर्म विशेष का अपमान भी बताया-
निखिल जी,, मुल्ला का अर्थ @ashokgehlot51 जानते है या नही,,, क्या ये किसी धर्म का अपमान तो नही... pic.twitter.com/8gavCEFrG9— Pankaj Trivedi Advocate (@pt_adv) November 1, 2019
स्वयं सतीश पूनियां ने दैनिक भास्कर में दिए अपने साक्षात्कार में गहलोत को सीधा संदेश दिया कि बांग तो मुर्गा देता है।
गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने राजनैतिक सदाशयता का परिचय देते हुए गहलोत से दीपावली पश्चात शिष्टाचार भेंट की थी एवं उन्हें पुस्तकें भी भेंट की थी।
वैसे गहलोत द्वारा मुल्ला कहा जाना ये दिखाने के लिए पर्याप्त है कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. मदनलाल सैनी के निधन से खाली हुए पद पर पूनियां ने कुछ ही दिनों में गहरी पैठ बनाई है।
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निखिल व्यास
वैसे गहलोत द्वारा मुल्ला कहा जाना ये दिखाने के लिए पर्याप्त है कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. मदनलाल सैनी के निधन से खाली हुए पद पर पूनियां ने कुछ ही दिनों में गहरी पैठ बनाई है।
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निखिल व्यास



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